Thursday, April 08, 2010

चलते ना तीर बनके दिल ना अगर लगाते धोके मे आ न जाते

खुप रुलावलय या लतानी, सी. रामचंद्र आणि

जी चाहता है अब दुनियसे रुठ जाये
ओठोपे आ रही है अब मौत की दुवायें
ओ बेवफा जमाने दिल तो लगा के देखा,
सबकुछ लुटाके देखा
अपना समझ के उनको अपना बनाके देखा
दिल मे बसा के देखा
लेकीन मिली वफा के बदले हमे जफाये
ओठोपे आ रही है अब मौत की दुवायें
चलते ना तीर बनके दिल ना अगर लगाते धोके मे आ न जाते
ये दिन ना देखते हम आसु यु ना  बहाते दो दिन तो मुस्कुराते
घिरघिरके यु ना आती अश्कोभरी घटायें
ओठोपे आ रही है अब मौत की दुवायें

http://www.youtube.com/watch?v=BubFwAoRoeg

1 comment:

Unknown said...

thanks for sharing...