खुप रुलावलय या लतानी, सी. रामचंद्र आणि
जी चाहता है अब दुनियसे रुठ जाये
ओठोपे आ रही है अब मौत की दुवायें
ओ बेवफा जमाने दिल तो लगा के देखा,
सबकुछ लुटाके देखा
अपना समझ के उनको अपना बनाके देखा
दिल मे बसा के देखा
लेकीन मिली वफा के बदले हमे जफाये
ओठोपे आ रही है अब मौत की दुवायें
चलते ना तीर बनके दिल ना अगर लगाते धोके मे आ न जाते
ये दिन ना देखते हम आसु यु ना बहाते दो दिन तो मुस्कुराते
घिरघिरके यु ना आती अश्कोभरी घटायें
ओठोपे आ रही है अब मौत की दुवायें
http://www.youtube.com/watch?v=BubFwAoRoeg
1 comment:
thanks for sharing...
Post a Comment