UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Thursday, December 17, 2009
भीती वाट्ते
भीती वाटते जर का हा असा थंडा प्रतिसाद मुंबईकर जर का देवु लागले तर मग हे कलावंत हळु हळु या संमेलनाला येणे कमी करु लागतील.
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