UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Saturday, December 12, 2009
कोणाची शामत आहे वाकड्या नजरेने पहायची ? सर्व जण माझ्या संरक्षणाखाली आहेत
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