UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Saturday, January 15, 2011
घडाभाजी
हं, झाली एकदाची
आत प्रतिक्षा केव्हा एकदा ती पोटात जाते याची.
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