UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Sunday, May 16, 2010
अक्षय तॄतीयेला
अक्षय तॄतियाले मालडच्या श्री. वैशंपायनकडच्या पुरणपोळ्या खाव्यात.
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