UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Thursday, May 20, 2010
कायद्याची नव्हे निदान जीवाची तरी पर्वा ?
मृत्यु किती जवळुन स्पर्शुन जात असेल.
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