UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Tuesday, May 11, 2010
अरे ओ सांबा, कितने आदमी थे ?
सांबा उर्फ मॅक मोहन हे जग सोडुन पुढच्या प्रवासाला गेले.
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