UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Thursday, October 02, 2008
पण का हो राजाभाऊ
काय हो राजाभाऊ , काही नेत्यांना सतत भाषणे ठोकतांना सदैवी जहाल भाषेचाच आश्रय का बरे घ्यायला लागतो ?
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