UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Wednesday, September 22, 2010
यंग सिनीयर सिटीजन .
ह्या सेवाभावी वृत्तीचे खरेच कौतुक वाटते, या वयात पण तरुणाला लाजवेल असा हा उत्साह.
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