UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Thursday, September 30, 2010
वाटत होते
शक्यता तशी धुसर होती, पण वाटत होते श्री. ज्ञानेश्वर कुलकर्णी संमेलनाध्यक्ष व्हावेत.
पण ..
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