UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Tuesday, September 07, 2010
जुंपलयं कामाला .
गुमान तोंडात लाईटी घेवुन गप्प उभे रहा.
मुळातच आपल्याकडॆ वास्तुचे सौदर्य यासंबधी जाणिव कमीच.
विश्रामबाग, पुणे.
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