UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Monday, November 04, 2013
इतना फेकते है
" इतना फेकते है की लपेटना मुश्कील हो जाता है "
मटा मधल्या एका लेखातील वाक्य.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment