UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Saturday, March 14, 2009
जीवलगा , राहिले दुर घर माझे
त्या पल्लड या दिवाण्याचा आबुदाना
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