UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Thursday, February 12, 2009
वसुंधरेचे भवित्तव्य
मनुष्य पृथ्वीशी असाच जर का खेळत राहिला तर , वसुंधरेचे भवित्तव्य काही खर नाही
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