अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
सर्वणा भवन , अबु धाबीमधे थाळी खाताना
Post a Comment
No comments:
Post a Comment