UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Saturday, November 07, 2009
लागी रे ये कैसी अनबुझ आग , मितवा, मितवा , मितवा नही आये
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