UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Friday, February 12, 2010
काला घोडा कलामहोत्सवात राजाभाऊ उर्फ हरेकृष्णाजी उर्फ प्रियदर्शन
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