UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Sunday, August 17, 2008
श्रावणातच वेध लागले गौराईचे , हरताळीकाचे
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