UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Sunday, August 24, 2008
काश ! असे हे नितळ हास्य माझ्या चेहऱ्यावर सदैव असते
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