UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Saturday, August 30, 2008
आज सासुनी किती छळले ?
सुखदुःखाच्या गोष्टी करायला या सारखे दुसरे स्थान नसावे.
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