UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Saturday, April 25, 2009
वणवे
अक्कलशुन्य, बिनडोक माणसाने आणखी एक निसर्गचक्र आपल्या ह्व्यासापोटी जाळुन टाकले
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