UNKE DUSHMAN HAI BAHUT AADMI AACHA HOGA
अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Friday, February 15, 2008
भुलभुल्लया मे खोया है पाटकर
या नव्या भुयारी मार्गात शिरणे व चक्रवॄह मधे शिरणॆ एकच. मार्गदर्शक पाटयांशिवाय योग्य मार्गी लागणॆ कठीणच
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