Saturday, February 23, 2008

हवाय कोणाला बसंत ? ?


ये आरजु थी हम कभी बहार देखेंगे ! किसे पता था फी़जा़ बार बार देखेंगे !!
करार पाके भी किस्मत मे बेकरारी है ! वो और होंगे जो दिलका करार देखेगे !!

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