अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया ।
ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
Thursday, June 07, 2007
जबरदस्त
काल रवींद्र नाट्य मंदीर मधे "जबरदस्त" या मराठी चित्रपटाचा प्रिमीयम शो होता, बेगम अख्तर चा कार्यक्रम सुरु होण्यास वेळ लागत होता, वेळेचा सदुपयोग करण्यासाठी तेथे एक चक्क्रर मारली
5 comments:
हे कोण?
hero and heroin. I do not know thw names, I will find out
Really? they don't looks like actors
aho picture kasa hota he sangitlach nahit...baghayacha ka nahi?.....ani blog var automatic gana aikayachi soy apratim......tyabaddalahi mahiti sanga..
harekrishnaji....he jiya bachaina...hee cheej kuthun download karata yeil? farach sundar aahe.
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