अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
काले मियां चले झम झम पुलाव खाने.
(खाने नही सिर्फ देखने )
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