अब भी एक उम्र पे जीने का न अंदाज आया । ज़िंदगी छोड दे पीछा मेरा, मै बाज़ आया ।।
कालेमियां चले झम झम पुलाव खाने.
(खाने नही सिर्फ देखने )
Post a Comment
No comments:
Post a Comment