ख़ाली हे सही मेरी तऱफ जाम तो आया
काफ़ी है मेरे दिल के तसल्लीको येही बात
आप आ न सके आप का पैग़ाम तो आया
अपनोने नज़र फेर ली दिल ने दिया साथ
दुनिया मे कोई दोस्त मेरे काम तो आया
वो बात हो एहसान हो या मेरी कशिश हो
डूबा हुआ ख़ुर्शीद सरे शाम तो आया
लोग उनसे ये कहते हैं कि कैसे है "शकिल" आज
इस हुस्न के सदक़े मे मेरा नाम तो आया
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