Monday, September 07, 2015

ख़ुश हूँ कि मेरा हुस्ने तलब काम तो आया
ख़ाली हे सही मेरी तऱफ जाम तो आया

काफ़ी है मेरे दिल के तसल्लीको येही बात
आप आ न सके आप का पैग़ाम तो आया

अपनोने नज़र फेर ली दिल ने दिया साथ
दुनिया मे कोई दोस्त मेरे काम तो आया

वो बात हो एहसान हो या मेरी कशिश हो
डूबा हुआ ख़ुर्शीद सरे शाम तो आया

लोग उनसे ये कहते हैं कि कैसे है "शकिल" आज
इस हुस्न के सदक़े मे मेरा नाम तो आया

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